ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर योजना

उद्देश्य, बुनियादी ढाँचा, पात्रता

ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर योजना

ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर योजना

उद्देश्य, बुनियादी ढाँचा, पात्रता

हमारी सरकार भारत की सड़कों, उनकी स्थिति और रख-रखाव को लेकर हमेशा सजग रही है। हमेशा देखा गया है कि यहां होने वाली ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं ड्राइवरों की गलतियों के कारण होती हैं क्योंकि उन्हें सड़क के नियमों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। इसलिए यदि इन ड्राइवरों को उचित प्रशिक्षण दिया जाए तो सड़क दुर्घटनाओं की संख्या कम की जा सकती है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए हमारी केंद्र सरकार ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर योजना शुरू कर रही है, यह योजना मुख्य रूप से ड्राइवरों के लिए होगी। इस योजना के तहत सरकार ड्राइवरों को ट्रेनिंग देगी. इसके जरिए यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि देश में रोजगार के अवसर बढ़ें. इस योजना को मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2017 के तहत शामिल किया जाएगा.

मुख्य उद्देश्य :-
इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है जो अपना स्वयं का ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र शुरू करना चाहते हैं। ये केंद्र देश में कहीं भी स्थापित किए जा सकते हैं और सरकार ऐसे केंद्रों की स्थापना में सहायता प्रदान करेगी।
इस योजना के माध्यम से इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि देश की सड़कें सभी के लिए सुरक्षित हों, इसलिए इस योजना के तहत ड्राइवरों को गुणवत्तापूर्ण कंप्यूटर नियंत्रण प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
इस योजना का एक अन्य मुख्य उद्देश्य अच्छे ड्राइवर तैयार करके देश की यातायात सुविधाओं में सुधार करना है। इससे ट्रैफिक जाम, सड़क दुर्घटना आदि में कमी आएगी और लोग सड़क पर यात्रा करते समय सुरक्षित महसूस करेंगे।

मुख्य बिंदु मुख्य विशेषताएं
सिम्युलेटर:
इन ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों में ड्राइवरों को ट्रेनिंग देने के लिए सिमुलेटर का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे प्रशिक्षित ड्राइवर किसी भी तरह की सड़क पर हर हालत में सुरक्षित गाड़ी चला सकेंगे.

एनएसक्यूएफ ढांचा:
इन ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों में नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत ड्राइवरों को ट्रेनिंग दी जाएगी. इस प्रकार, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ड्राइवरों को अच्छी गुणवत्ता का प्रशिक्षण मिले।


वाहन:
केंद्र सरकार की ओर से इन ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों में दो तरह के वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा. इनमें से एक हल्का मोटर वाहन और दूसरा भारी मोटर वाहन होगा। इन सेंटरों में दोनों तरह के वाहनों की अच्छी ट्रेनिंग दी जाएगी.

सरकारी सहायता:
सरकार ऐसे केंद्रों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इसके अलावा इसका मुख्य उद्देश्य पहले से स्थापित ऐसे केंद्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

ड्राइविंग लाइसेंस प्रौद्योगिकी प्रणाली:
इस योजना की सबसे अच्छी बात यह है कि इसके माध्यम से प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली का उपयोग करके ड्राइवर को ड्राइविंग लाइसेंस प्रदान किया जाएगा। इसके लिए वस्तुनिष्ठ वैज्ञानिक प्रक्रिया से चालकों का परीक्षण किया जाएगा। इस तरह लाइसेंस देने का आर. को। किसी भी नजदीकी केंद्र का उपयोग किया जा सकता है।

रोजगार के अवसर:
इन केंद्रों में ड्राइवरों को प्रशिक्षण के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे, इससे अधिक लोग इस तरह का प्रशिक्षण लेने के लिए आकर्षित होंगे।

आधारभूत संरचना:-
ऐसे ड्राइविंग सेंटर शुरू करने से पहले जरूरी है कि आवेदक को इसके नियमों की जानकारी हो। ऐसी ही कुछ जानकारी हम आपको नीचे दे रहे हैं:

स्थान से सम्बंधित जानकारी:
ऐसे प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए यह आवश्यक है कि आवेदक के पास कम से कम 2 एकड़ जमीन या तो उसके नाम पर या पट्टे पर हो।

कक्षा कक्ष:
ऐसे प्रशिक्षण केंद्र में कम से कम 2 कमरे होना आवश्यक है जहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को सिद्धांत संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा इन कमरों में प्रोजेक्टर भी होने चाहिए, जिसके माध्यम से तकनीक संबंधी जानकारी दी जाएगी।


सिम्युलेटर और वाहन:
इन केंद्रों में प्रशिक्षण के लिए दोहरे नियंत्रण वाले भारी और हल्के वजन के वाहन होना जरूरी है। इसके साथ ही दोनों तरह के वाहनों में ड्राइवरों को सिमुलेटर उपलब्ध कराना भी जरूरी है.

ब्रॉडबैंड और बायोमेट्रिक्स:
इन केंद्रों पर इंटरनेट सुविधा और बायोमेट्रिक सिस्टम का होना भी जरूरी है, जिसके जरिए ड्राइवरों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी.

ड्राइविंग ट्रैक:
ड्राइवरों को कुछ विशेष ड्राइविंग कौशल जैसे रिवर्स ड्राइविंग, ढलान पर ड्राइविंग आदि का अभ्यास करने के लिए ड्राइविंग ट्रैक पर पर्याप्त जगह होना आवश्यक है। इसके अलावा, ड्राइवरों को पार्किंग प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भी पर्याप्त जगह होना आवश्यक है।

बाथरूम और अन्य सुविधाएं:
इन केंद्रों में पर्याप्त स्टाफ का होना जरूरी है ताकि यहां का काम ठीक से हो सके. इसके अलावा पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग बाथरूम होने चाहिए।

आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के तहत कोई भी निजी संस्था अपना प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित कर सकती है। इसके लिए आपको एक आवेदन पत्र भरना होगा जिसके लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा।

आधिकारिक वेबसाइट:
इसके लिए आवेदक को भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट nic.in पर जाना होगा। इसके बाद आपको इस पेज पर मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक जानकारी ढूंढनी होगी।

डीटीसी की आधिकारिक अधिसूचना:
आवेदक इस आधिकारिक अधिसूचना को इस वेबसाइट http://morth.nic.in/showfile.asp?lid=3159 से भी डाउनलोड कर सकते हैं। आवेदक को पहले दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ना चाहिए और फिर इस फॉर्म को डाउनलोड करना चाहिए।

आवेदन फार्म:
अब इस आवेदन पत्र में आवेदक को महत्वपूर्ण जानकारी जैसे नाम, कानूनी स्थिति, संपर्क नंबर, बैंक खाता संख्या आदि भरनी होगी। आवेदक को यह सभी जानकारी सही ढंग से भरना आवश्यक है।

डाउनलोड करें और प्रिंट करें:
जब आप इस फॉर्म को पूरा भर लें तो आप इसे प्रिंट कर लें और फिर सबमिट कर दें।

वित्तीय सहायता
सरकारी सहायता:
इस योजना के तहत, सरकार ऐसे केंद्र की स्थापना के लिए 50 प्रतिशत (1 करोड़ रुपये) तक सहायता प्रदान करेगी। यह सहायता इसके बुनियादी ढांचे को तैयार करने और तकनीकी सुविधाओं को बनाए रखने के लिए दी जाएगी।

अन्य खर्चों :
इसके अलावा अन्य खर्च संस्थान को ही वहन करना होगा। ऐसे में आवेदक चाहे तो अपने संस्थान के लिए किसी गैर सरकारी संस्था से मदद ले सकता है।

पात्रता:
इसमें सभी प्रकार के एनजीओ, ट्रस्ट, सहकारी समितियां, वाहन निर्माता, फर्म, राज्य उपक्रम और अन्य एजेंसियां आदि आवेदन कर सकती हैं। यदि यह केंद्र केंद्र या राज्य सरकार के तहत पंजीकृत है तो वे अपना प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर सकते हैं।
अगर कोई एनजीओ इस योजना के तहत आवेदन कर रहा है तो जरूरी है कि उसका रजिस्ट्रेशन नीति आयोग के दर्पण पोर्टल के तहत हुआ हो. यदि ऐसा नहीं हुआ तो एनजीओ आवेदन करने के पात्र नहीं होंगे।
इस योजना में पंजीकरण कराने के लिए आवेदक को अपनी वित्तीय पात्रता सरकार को बतानी होगी। यदि उसके पास इस योजना के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है, तो वह इसमें अपना पंजीकरण नहीं करा सकता है।

महत्वपूर्ण तिथियाँ
योजना की अंतिम तिथि:
यह योजना 7 मार्च को शुरू की गई है और यह 31 मार्च 2020 तक चालू रहेगी। 31 मार्च के बाद किसी भी संस्थान को वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी।

प्रोजेक्ट पूरा करने की अंतिम तिथि:
इस योजना का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि आवेदक अपने प्रोजेक्ट की सभी औपचारिकताएं 31 दिसंबर 2019 से पहले पूरी कर लें। अगर यह तारीख छूट गई तो आप इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे।

पहले आवेदन की अंतिम तिथि निर्धारित:
इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार द्वारा 30 अप्रैल 2018 तक आवेदन लिए जाएंगे. इसके बाद पहले सेट में कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे. इसके बाद योग्य आवेदकों का चयन 31 मई 2018 तक किया जाएगा.

योजना का नाम ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर योजना 
इसे किसके द्वारा और कब क्रियान्वित किया जायेगा भारत की केंद्र सरकार द्वारा
घोषणा 2017 (मोटर वाहन संशोधन विधेयक)
प्रक्षेपण की तारीख 7मार्च 2018
इन्हें कहां लॉन्च किया गया परिवहन भवन दिल्ली
योजना बनाने का समय 31 मार्च 2020 तक
से लाभान्वित चालक